देश के प्रथम प्रधानमंत्री स्वर्गीय जवाहरलाल नेहरू ने 1930 में #नेशनल हेराल्ड नामक अखबार शुरू किया। धीरे-धीरे
इस अखबार ने 5000/- करोड़
की संपत्ति अर्जित कर ली। सन् 2000 में यह अखबार अचानक घाटे में चला गया और इस पर
90 करोड़ का
कर्जा भी हो गया। “नेशनल
हेराल्ड" (National Herald) की तत्कालीन डायरेक्टर्स, सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी,
सैम पित्रोदा और मोतीलाल वोरा ने, इस अखबार को यंग इंडिया (Young India Ltd) लिमिटेड नामक कंपनी को
बेचने का निर्णय लिया।
किसकी कंपनी है यंग इंडिया ?
पांच लाख रुपये से शुरू हुई यंग इंडिया कंपनी के बारे में मज़े
की बात ये है कि इसमें सोनिया और राहुल गाँधी की 38-38 प्रतिशत हिस्सेदारी है। शेष हिस्सेदारी कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के पास है।
डील यह तय हुए थी कि यंग इंडिया, नेशनल
हेराल्ड के 90
करोड़ के कर्ज़ को चुकाएगी और बदले में 5000 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति यंग इंडिया को
मिलेगी। इस डील को
फाइनल करने के लिए मोती लाल वोरा ने "तत्काल" मोतीलाल वोरा से बात की, क्योंकि वह
अकेले ही,
दोनों
ही कंपनियों के डायरेक्टर्स थे।
अब
यहाँ एक और नया मोड़ आया। वो ये कि 90 करोड़ का कर्ज़ चुकाने के लिए यंग इंडिया
ने कांग्रेस पार्टी (Congress Party) से 90 करोड़ का लोन माँगा। इसके लिये कांग्रेस पार्टी
ने एक मीटिंग बुलाई जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और कांग्रेस पार्टी के महासचिव
शामिल हुए। और
यह वरिष्ठ लोग थे.......? सोनिया, राहुल, ऑस्कर और मोतीलाल वोरा।
कांग्रेस पार्टी ने लोन देना स्वीकार कर लिया और इसको
कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा ने पास भी कर दिया और #यंग इंडिया
के डायरेक्टर मोतीलाल वोरा ने ले लिया और आगे नेशनल हेराल्ड (National Herald Scam) के डायरेक्टर मोतीलाल वोरा को दे
दिया।
मगर मज़ा
अभी बाकी है...
अब
कांग्रेस पार्टी ने एक मीटिंग और बुलाई जिसमें सोनिया, राहुल, ऑस्कर और
वोरा साहब सम्मलित हुए। उन्होंने मिलकर यह तय किया कि #नेशनल
हेराल्ड ने आज़ादी की लड़ाई में बहुत सेवा की है इसलिए उसके ऊपर 90 करोड़ के
कर्ज़ को माफ़ कर दिया जाए और इस तरह 90 करोड़ का छोटा सा कर्ज माफ़ कर दिया गया।
इस
तरह से #यंग इंडिया
जिसमें 38-38 प्रतिशत
शेयर सोनिया और राहुल के हैं और शेष शेयर ऑस्कर फर्नांडिस और वोरा साहब के हैं, को, 5000 करोड़ की
संपत्ति मिल गई... जिसमें, एक 11 मंज़िल
बिल्डिंग जो बहादुर शाह जफ़र मार्ग दिल्ली में और उस बिल्डिंग के कई हिस्सों को अब
पासपोर्ट ऑफिस सहित कई ऑफिसेज को किराये पर दे दिया गया है।
वहीं
इस मामले में केस दायर करने वाले भाजपा नेता सुब्रमणियास्वामी के आरोप कुछ इस
प्रकार हैं।
गाँधी
परिवार नेशनल हैराल्ड की सम्पतियों का अवैध रूप से उपयोग कर रहा है।
सोनिया-राहुल की कंपनी यंग इंडिया ने दिल्ली में सात मंजिला हेराल्ड हाउस
को किराये पर कैसे दिया? इसकी दो मंजिलें पासपोर्ट सेवा केंद्र को किराये पर
दी गईं जिसका उद्घाटन तत्कालीन विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने किया था। यानि
यंग इंडिया किराये के तौर पर भी बहुत पैसा कमा रही है।
राहुल ने एसोसिएट जर्नल (Associate Journal Pvt Ltd) में शेयर होने की जानकारी 2009
में चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में छुपाई और बाद में 2
लाख 62 हजार 411 शेयर प्रियंका
गाँधी को हस्तांतरित कर दिए। राहुल के पास अब भी 47
हजार 513 शेयर हैं।
बोर्ड के प्रस्ताव के बाद एसोसिएट जर्नल प्राइवेट लिमिटेड को शेयर
हस्तांतरण के माध्यम से यंग इंडिया को कैसे ट्रांसफर किया गया जबकि यंग इंडिया कोई
अखबार या जर्नल निकालने वाली कंपनी नहीं है।
कांग्रेस द्वारा एसोसिएट जर्नल प्राइवेट लिमिटेड को बिना ब्याज 90
करोड़ रुपये से ज्यादा कर्ज कैसे दिया गया जबकि यह गैर-कानूनी है क्योंकि
कोई राजनीतिक पार्टी किसी भी व्यावसायिक काम के लिए कर्ज नहीं दे सकती। जब एसोसिएटेड जर्नल
का ट्रांसफर हुआ तब इसके ज्यादातर शेयरहोल्डर मर चुके थे ऐसे में उनके शेयर किसके
पास गए और कहां हैं कैसे एक व्यावसायिक
कंपनी (Young India) की मीटिंग सोनिया गांधी के सरकारी आवास 10
जनपथ पर हुई?
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